आकलन
अधिक प्रतिपुष्टि (feedback) करें और कम श्रेणियाँ दें: किसी छात्र को अक्षर श्रेणी (LETTER GRADE) दे देने से वह उसे उस तरह से बढ़ने में मदद नहीं करेगी जिस तरह से विशिष्ट, समय पर दी हुई प्रतिक्रिया करती है। परंतु श्रेणी देना बहुत जल्दी हो जाता हैं, इसलिए हम वह पुनः पुनः करने लगते हैं। हमारे स्कूलों या जिलों को नियमित आधार पर कुछ निश्चित अंक या अक्षर श्रेणी पोस्ट करने की आवश्यकता होने के कारण भी हम बहुत सारी श्रेणियाँ दे देते हैं। यदि हम हमारे विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा चाहते हैं, तो हमें जितना हो सके श्रेणी से हटकर प्रतिपुष्टि की ओर बढ़ना होगा। यदि हम “अप्रासंगिक” व्यस्त सत्रीय कार्य से छुटकारा पा चुके हैं और कम, अधिक मजबूत, सहयोगी, परियोजना-आधारित कार्य कर रहे हैं, तो यह बदलाव स्वाभाविक रूप से होना चाहिए, क्योंकि ये सत्रीय कार्य दूर सम्मलेन (CONFERENCING) और टिप्पणियों (rubrics) के लिए बढ़िया होते हैं। उन्हें केवल एक बार दे देने वाली श्रेणी की पंक्ति में ना रखें।

- अधिक पुनरावृति: केवल श्रेणी की बात करें तो, आइए उस पर भी ध्यान दें। यदि किसी छात्र को किसी क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है, तो क्या यह अच्छा नहीं है कि उसे केवल श्रेणी देकर आगे बढ़ाने की जगह उसे सुधारने के कई अवसर दें? हम अपनी योजनाओं में छात्रों के सत्रीय कार्य फिर से करने (RE-DO ASSIGNMENTS) के लिए जगह बनाने से हमें अधिक वृद्धि दिखेगी। ऐसा करने के लिए, इस वर्ष की शुरुआत में हमने जो महारत-आधारित कक्षा (mastery-based classroom) पद्धति प्रदर्शित की थी, वैसी कोई पद्धति अच्छा तरीका होगी।
- अधिक लचीली या वार्धिक समय सीमा: पिछले वर्ष, कई शिक्षकों के पास समय सीमा पर बहुत अधिक अनुग्रह देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। पहली बार, हर एक व्यक्ति ऐसी अभूतपूर्व परिस्थितियों का सामना कर रहा था जिसने हमारी एकाग्रता में गड़बड़ियाँ की, हमारी सामाजिक-भावनात्मक भलाई के लिए खतरा पैदा किया और हमें निम्न-स्तर की चिंता की एक स्थिर स्थिति में डाल दिया। इससे सभी के लिए सभी को छूट देना आसान हो गया। परंतु कोविड के पहले, हम जानते हैं कि हमारे कई छात्र अन्य परिस्थितियों से निपट रहे थे। उनकी प्राथमिकता सूची में पढाई-लिखाई को सबसे ऊपर रखना उनके लिए कठिन हो गया था। यह चीजें जादुई रूप से दूर नहीं होने वाली हैं। हम महामारी के दौरान एक-दूसरे को दिए गए अनुग्रह को अगले चरण में ले जा सकते हैं। सत्रीय कार्य ऐसे बना सकते हैं ताकि उनके पास अधिक लचीली समय सीमा हो। सत्रीय कार्य बड़ा रहने पर वार्धिक जाँच (check-in) कर सकते हैं ताकि हम जान सकें कि छात्र प्रगति कर रहे हैं और उन्हें बढ़ते रहने के लिए प्रतिपुष्टि और समस्या निवारण (feedback and troubleshooting) प्रदान कर सकते हैं।

- अधिक खुले-संसाधन परीक्षण (open-resource test): हम इन्हें खुली-किताब परीक्षण (open-book test) कहते थे। नाम परिवर्तन से हमारे पास अब उपलब्ध गैर-मुद्रण संसाधनों (non-print resource) की विविधता को दर्शाना है। पिछले वर्ष पढ़ाई दूरस्थ (remote) हो जाने के बाद, हम छात्रों पर नजर रखने के लिए वहाँ नहीं रहने के कारण वे अचानक बड़ी मात्रा में “नकल” करने लग गए। और वे ऐसा क्यों ना करें? हम हमेशा से जानते हैं कि जानकारी आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है। याद रखना बहुत कम वांछनीय होता जा रहा है। हमें अपने छात्रों को उन्होंने उस जानकारी के साथ क्या करना है यह बताना चाहिए—जैसे कि किसी चीज के बारे में राय विकसित करना और उसका बचाव करना। ये मौलिकता की आवश्यकता रहने वाले कुछ अन्य उच्च-क्रम के कार्य (higher-order task) है जिसे केवल गुगल नहीं किया जा सकता है। हमारे सत्रीय कार्य यदि अच्छी तरह से योजनाबद्ध हो तो खुली-पुस्तक (open-book), खुली-टिप्पणी (open-note), खुले-संसाधन (open-resource) हो सकते हैं। ऐसा होने पर भी वह हमारे छात्रों ने जो सीखा है उसका एक उत्कृष्ट मापदण्ड हो सकता है।
समावेशिता
- अधिक सार्वभौमिक रूप से योजनाबद्ध किए गए सीखने के अनुभव (universally designed learning experiences): छात्रों ने अपने सीखने को प्रदर्शित करने के लिए पढ़कर फिर कुछ लिखना यह सत्रीय कार्य देने का एक बहुत ही विशिष्ट तरीका है। इस प्रकार का कार्य एक निश्चित प्रकार के शिक्षार्थी के पक्ष में है, परंतु अब हम छात्रों को कई अन्य विकल्प प्रदान कर सकते हैं ताकि वे अपने लिए सबसे अच्छा काम करने वाला मार्ग चुन सकें। जैसे किसी प्रकार के अनुशीर्षक (captioning) या उस संबंध की लिखित प्रतिलिपि (transcript) के साथ, उन्हें वीडियो या ऑडियो के माध्यम से सामग्री सीखने देना। और ऑडियो या वीडियो के रूप में प्रतिक्रिया रिकॉर्ड करके उनके सीखने का प्रदर्शन करने देना। यह सभी विकल्प प्रदान करने में अतिरिक्त समय और अतिरिक्त कार्य लगता है। परंतु यदि हम समग्र रूप से कम सत्रीय कार्य दे रहे हैं, हर चीज के लिए श्रेणी देने की जगह अधिक कार्य को रचनात्मक मानते हैं और कार्यभार साझा करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम सीखने के ऐसे अनुभव तैयार करेंगे जो हमारे अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचेंगे।
- भागीदारी के लिए अधिक अंतर्मुखी-अनुकूल विकल्प (introvert-friendly options): बहुधा, हम जीवंत और ऊर्जावान कक्षा चर्चा उत्कृष्ट समझते हैं। परंतु यदि हम इसका प्रतिश्रवण (playback) करते हैं, तो हम देखेंगे कि वास्तव में, केवल कुछ मुट्ठी भर बहिर्मुखी छात्र वार्तालाप चला रहे थे (only a handful of extroverted students were actually carrying the conversation)। दूरस्थ रूप से अध्यापन (remote teaching) ने हमें दिखाया है कि जब हम छात्रों को ऐसे वातावरण में रखते हैं जहाँ भागीदारी के लिए समूह के सामने अनायास बोलने की आवश्यकता नहीं होती है, तो हमें अंतर्मुखी छात्रों और उन छात्रों से अधिक भागीदारी मिलती है जो अपने विचारों को मंद गति से संसाधित करते हैं। जैसे-जैसे हम स्वयं वैयक्तिक रूप से शिक्षण देने लगते हैं, हम ऐसे तरीके खोजने के बारे में सोचना चाहिए जिससे यह छात्र उनके लिए अधिक सुविधाजनक मार्ग से योगदान कर सके।
- अधिक दूरस्थ और मिश्र मार्ग (remote and hybrid pathways): हम पूरी तरह से वैयक्तिक (in-person) होने पर भी, जिन परिवारों को घर पर सीखने (at-home learning) की आवश्यकता है, ऐसी परिस्थितियाँ जो उनकी मांग करती हैं और जो छात्र उन परिस्थितियों में अधिक अच्छे से सीखते हैं, उन्हें यह विकल्प प्रदान करना जारी रख सकते हैं।
- कक्षा सामग्री (classroom material) में अधिक अच्छा प्रतिनिधित्व: हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि छात्र जिन पुस्तकों और अन्य सामग्रियों से सीखते हैं, वे हमारे छात्रों, उनके परिवारों और हमारी दुनिया की विविधता को दर्शाती हैं। इस दिशा में काम करना शुरू करने के लिए वी नीड डाइवर्स बुक्स (We Need Diverse Books) और डाइवर्स बुक फाइंडर (Diverse Book Finder) जैसी साइटें अच्छी जगह हैं।

संबंध
- संबंध बनाने के लिए नियमित, समर्पित समय: ऐसा लगता है कि शिक्षा में हर कोई इस बात से सहमत है कि रिश्ते महत्वपूर्ण हैं, परंतु यदि हम उन्हें बनाने के लिए समय नहीं देते हैं, तो वे रिश्ते कच्चे और असमान होंगे: हमें केवल वह छात्र पता रहेंगे जो हमारा ध्यान आकर्षण करते हैं। दुसरे कही गुम जाएँगे। मजबूत रिश्ते बनाना वीडियो स्क्रीन के माध्यम से वास्तव में कठिन था, परंतु जैसे ही हम एक साथ एक ही कमरे में रहने का विशेषाधिकार प्राप्त करने लगते हैं, हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। अपने छात्रों को जानने की यह पद्धति यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है (system for getting to know your students) कि आप सभी के साथ जुड़ रहे हैं।
- अधिक सुधारात्मक व्यवहार (restorative practices): यद्यपि दुर्व्यवहार के लिए किसी छात्र को निलंबित करना जल्दी किया जा सकता है, बहिष्करण अनुशासन व्यवहार (exclusionary discipline practices) और “शून्य सहनशीलता” नीतियाँ (“zero tolerance” policies) मूल समस्याओं का समाधान नहीं करती हैं या दोहराए जाने वाले व्यवहार को रोकती नहीं हैं। वास्तव में, वे बहुधा चीजों को और खराब कर देते हैं। इसके विपरीत, सुधारात्मक व्यवहार (restorative practices) अधिक समय लेने वाले तथा अधिक विचार और भावनात्मक श्रम की आवश्यकता वाले होते है। परंतु यदि उन्हें सही तरीके से किया जाए, तो उनके बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं। (यदि आप सुधारात्मक व्यवहार के लिए नए हैं, तो नुकसान उपाय के सुधार (repairing harm) के बारे में पढ़कर इसकी जानकारी लें।)
- स्वयं के पूर्वाग्रहों के विरोध में अधिक कार्य करें: सभी छात्रों के साथ संबंधों में सुधार लाने और हमारे विद्यालयों में सभी को सुरक्षित और स्वागत योग्य महसूस कराने वाला वातावरण बनाने के लिए हमें अपने स्वयं के पूर्वाग्रहों का अध्ययन करना प्रारंभिक बिंदु है। इस काम के लिए ढेर सारी किताबें और अन्य संसाधन उपलब्ध हैं। करेजियस कन्वर्सेशन्स अबाउट रेस (Courageous Conversations About Race) किताब और प्रशिक्षण बहुत सफल संसाधनों में से एक है।
- ज्यादा मौज-मस्ती: यह बहुत ही कठिन वर्ष रहा है। शारीरिक रूप से दूर होने के कारण बहुत लोग आमने-सामने के समय को पहले कभी नहीं दिया इतना महत्व देने लगे हैं। तो अब जब व्यक्तिगत समय अधिक संभव होता जा रहा है, आइए इसका अधिकतम लाभ उठाएँ। इसका मतलब हर मिनट में उत्पादकता ठूसना नहीं है। इसका अर्थ है हर दिन आनंद के लिए समय निकालना। इस वर्ष जनवरी में मैंने ट्विटर पर शिक्षकों से मुझे यह बताने के लिए कहा (asked teachers on Twitter) कि महामारी प्रतिबंध हटने के बाद उनका निर्देश कैसा अलग रहेगा। कई उत्तरों ने इस लेख की सामग्री में योगदान दिया, परंतु मेरा पसंदीदा उद्धरण ट्रैविस वेल्च (Travis Welch) नामक एक शिक्षक से आया। उन्होंने बस इतना कहा, “हम हँसने वाले हैं। बहुत ज्यादा।”
हम ऐसे समय की ओर बढ़ रहे हैं जहाँ हम फिर से एक साथ इकट्ठा हो सकेंगे, निकटता से काम कर सकेंगे, एक-दूसरे के चेहरे देख सकेंगे, सामान्य स्थिति में वापस आ सकेंगे। परंतु बहुत सारे बच्चों के लिए सामान्य स्थिति काम नहीं आयी थी। यह बहुत सारे शिक्षकों के लिए भी यह काम नहीं किया है। प्रभारी लोगों के लिए चीजों को यथासंभव कुशल और सुविधाजनक बनाने हेतु स्वचालन (automation) के लिए बहुत सारी प्रणालियाँ और संरचनाएँ स्थापित की गईं। मैंने आपके साथ यहाँ वे कुछ ही तरीके साझा किए है, जिनसे हम चीजों को बदल सकते हैं, परंतु और भी कई संभावनाएँ हैं।
हम एक नए युग की शुरुआत में हैं। और अब हम समझदार हो गए हैं। हमारी आँखें छात्रों की ज़रूरतों में अंतर के लिए, हमारी प्रणाली में उपस्थित असमानताओं के लिए और हमारे जुड़ने के महत्व के लिए अधिक खुली हैं।
तो चलिए जिस तरह से चीजें हुआ करती थीं, वहाँ वापस नहीं जाते हैं। इस नई शुरुआत के साथ, आइए उस ज्ञान को लें और उसका उपयोग करें। जब आप आगामी वर्ष की योजना बनाते हैं, तब आसान बटन से दूर जाने के, मात्रा से अधिक गुणवत्ता को प्राथमिकता देने के लिए अधिक धीमे, अधिक सूक्ष्म, अधिक संतोषजनक काम करने के और प्रत्येक छात्र और प्रत्येक शिक्षक को पनपने की जरूरत पूरी करने वाले विद्यालय बनाने के मार्ग ढूंढते रहें।

स्रोत: https://www.cultofpedagogy.com/easy-button/
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