अपना दरवाजा खोलो: हमें एक दूसरे को सिखाते हुए देखने की आवश्यकता क्यों है

मैंने हमेशा अपनी कक्षा का दरवाजा बंद करके पढ़ाया है।

आधिकारिक तौर पर, ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरा ध्यान भटक जाता है। और यह सच है। बस आप मेरे परिवार से पूछ लीजिए। वे बताएँगे कि जब मैं अपनी अगली क्विर्कल (Quirkle) चाल का पता लगाने की कोशिश कर रहा होता हूँ तो मैं कितनी बार शोर न मचाने के लिए चिल्लाता हूँ।

अनौपचारिक कारण यह है कि मैं वास्तव में नहीं चाहता कि अन्य लोग मुझे पढ़ाते हुए देखें। जब मैं अपने छात्रों के साथ अकेले रहता हूँ तो मैं एक अलग व्यक्ति होता हूँ। मैं अपनी कक्षा में इतना सजग नहीं रहता जितना कि मैं सहकर्मियों के साथ रहता हूँ। यहाँ तक ​​​​कि जिन लोगों के साथ मैं सहज हूँ उनके साथ भी चौकन्ना रहता हूँ। मेरे छात्र मुझे बड़ा निश्चिंत, मजाकिया पाते है, जो शायद मेरे सहकर्मी पसंद नहीं करेंगे या ठीक नहीं समझेंगे। वास्तव में मैं कुछ भी अनुचित नहीं करता। जब मेरा दरवाजा बंद होता है तो मैं निश्चित रूप से “बदमाश” और “बकवास” जैसे शब्द कहने की अधिक संभावना होती है। इस कारण से, मैं मेरी कक्षा में किसी को निमंत्रित नहीं करता।

यह स्पष्ट है कि ऐसा करने वाला मैं अकेला नहीं हूँ। मुझे पढ़ाते हुए जब छह वर्ष हुए तब हमारे प्राचार्य चाहते थे कि हम ऐसे उपाय सीखें जो अभी-अभी मर्ज़ानो एंड कंपनी (Marzano and company) द्वारा प्रस्तावित किए गए थे। सभी को पुस्तक की एक प्रति मिली, हमारी बैठकें हुईं जहाँ उपाय ढूंढे गए और हमने उन्हें अपने पाठों में कैसे लागू किया जाए इस पर बातचीत की।

ओह, और वे यह भी चाहते थे कि हम अपने शिक्षण में उपायों का प्रयोग करते हुए एक दूसरे का निरीक्षण करें।

लोग घबरा गए

एक और पुस्तक पढ़ने या नए उपायों का प्रयास करने को लेकर नहीं बल्कि सहकर्मी अवलोकन को लेकर। सदा शांत रहने वाला उनका दिमाग घूम गया। “मैं नहीं चाहता कि कोई और मेरे कमरे में आकर मेरी गलतियाँ ढूंढ निकाले!” परेशान होकर सब ने कहा। “और मैं समीक्षक भी नहीं बनना चाहता! मैं कौन होता हूँ किसी और को बताने वाला कि वे क्या गलत कर रहे हैं?”

फलतः, क्योंकि यह अनिवार्य था, उन्हें इसे पूरा करना पड़ा। परंतु उनकी प्रारंभिक प्रतिक्रिया से यह पता चला कि वास्तव में सहकर्मी अवलोकन कैसे अद्भुत हो सकता है, इस विषय बाबत उनकी समझ में अभाव है। यदि हम असुविधा को दूर कर सकते हैं, तो अन्य शिक्षकों के लिए अपने दरवाजे खोलना व्यवसायिक विकास का एक विलक्षण स्रोत हो सकता है।

ऐसा क्यों है उसके यहाँ कुछ कारण दिए है:

कारण 1: एक दूसरे को सफल देखना

क्योंकि शिक्षण इतना जटिल कार्य है, हम इसे कैसे करते हैं इसमें अनंत भिन्नताएँ हैं। हम विभिन्न प्रकार से अनुशासित करते हैं। हमने अपना स्थान विभिन्न प्रकार से स्थापित किया है। हम विभिन्न प्रकार से उपाय बनाते हैं। आपके नजदीक-पास कोई अन्य व्यक्ति किसी कार्य में आपसे बेहतर होने की बहुत अधिक संभावना है। हमारे सहकर्मी जिस तरह से पढ़ाते हैं, उसे देखकर हम तरकीबें और तकनीकें सीखते हैं, जिन्हें हम अपनी कक्षा में लागू कर सकते हैं।

अंत में, एक सहकर्मी जब आपकी किसी अच्छाई की ओर आकर्षित होते है तब वह बात वास्तव में बड़ी संतोषजनक होती हैं। हमारे काम में, हमें उन चीज़ों पर शायद ही कभी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है जिन्हें पूर्ण करने के लिए हम बहुत मेहनत करते हैं। कक्षा के बाद निश्चित रूप से कभी भी किसी छात्र ने मुझसे संपर्क कर यह नहीं कहा, “मैडम, वह प्रारंभिक पाठ लाजवाब था!” मेरे स्कूल के शिक्षकों ने पूछा, “मैं कौन होता हूँ किसी और को बताने वाला कि वे क्या गलत कर रहे हैं?” और यह मेरा उत्तर है: आप विशेषज्ञ हैं। आप विशेषज्ञ हैं क्योंकि आप वहाँ से गुजरे हैं, आपने कोशिश की है, एक समान संघर्ष किए हैं। शिक्षक होना वास्तव में कैसा होता है यह बहुत से लोग नहीं समझते। लेकिन आप समझते हैं। वह आपकी विशेषज्ञता है। मेरी कक्षा में एक राज्य मंत्री को बिठाएँ, उन्हें मेरे पाठ में कॉमन कोर (Common Core) को शामिल करने पर मेरी तारीफ करने के लिए कहें। यह अच्छा तो है, परंतु बहुत कुछ नहीं है। अब आप मेरी तारीफ कीजिए? वह बात ही कुछ अलग होगी। आप मुझे बताएँगे कि आपको एक कठिन अवधारणा का वर्णन करने के लिए प्रयोग की गयी मेरी भाव-भंगिमा पसंद आयी। यह मेरे लिए बहुमूल्य है। आपकी प्रतिपुष्टि अधिक महत्वपूर्ण है। तो चलिए हम सभी अपनी राय को अधिक सम्मान देना शुरू करते हैं, ठीक है?

अंत में, आपसी बंधन भी होता है: जब हम किसी अन्य व्यक्ति को उनके प्रशिक्षित कार्य में गहराई से शामिल होते देखते हैं, तब हम उन्हें पूरी तरह से अलग स्तर पर जानने लगते है। और यद्यपि हम एक साथ काम करते हैं, हम आमतौर पर दूर-दूर रहते हुए चलते हैं हम कभी एक दुसरे के मार्ग काटते नहीं हैं। हम शायद ही कभी वास्तव में एक दूसरे को पढ़ाते हुए देखते हैं। और यह शर्म की बात है, क्योंकि हर बार जब भी मैंने किसी सहकर्मी का पर्यवेक्षण किया है, तो उनके लिए मेरा आदर बढ़ा है और हर बार मैंने आपने आप को उनके समीप अनुभव किया है। यह ऐसी चीज है जिसका हम हर कार्यस्थल में — शैक्षिक या गैर-शैक्षिक — अधिक उपयोग कर सकते हैं।

कारण 2: एक दूसरे को असफल देखना

एक दूसरे को असफल होते देखना सकारात्मक कैसे हो सकता है? चलिए, हम आपसी बंधन के विषय पर लौटते हैं।

अन्य लोगों को आपको पढ़ाते हुए देखने देने का सबसे कठिन हिस्सा होता है, आप गलती कर देने की संभावना। गलती करके आप शर्मिंदा होंगे। इस डर के कारण, हमें लगता है कि जब तक हम पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाते, जब तक हमारे पास पढ़ाने के लिए सबसे बढ़िया पाठ न हो, तब तक हमें अवलोकनों को स्थगित कर देना चाहिए।

इसमें यह विडंबना है: आप परिपूर्ण होने के कारण दूसरे लोग आपसे थोड़ा और खुद से बहुत द्वेष करते हैं। या शायद यह उल्टा है। जो भी हो, परिपूर्णता की ओर आगे बढ़ना कई मायनों में काफी हानिकारक है। इसके विपरीत, लोगों को आपकी कुछ कमियों को देखने देने से आपस में अधिक घनिष्ठता पैदा होती है। इससे उन्हें स्पष्ट होता है कि उनकी अपनी त्रुटियाँ इतनी विचित्र नहीं हैं। जब मैं किसी के घर जाता हूँ और वह बिल्कुल साफ-सुथरा होता है, तो मुझे जलन और असुरक्षित महसूस होता है। परंतु जब मैं खाने के मेज पर अन्न के कुछ टुकड़े और दालान में अस्त-व्यस्त पड़े जूते देखता हूँ तो मैं मन में अधिक सहज हो जाता हूँ। मेरा मानस मुझसे कहता है कि इस जगह पर, मुझे परखा नहीं जाएगा। आपके शिक्षण के लिए भी यही बात लागू होती है: यदि आप किसी और को आप गलती करते हुए देखने देते हैं, तो संभवत: आपके द्वारा उनका अवलोकन करने में वे अधिक सहज महसूस करेंगे। आगे आप दोनों अधिक जोखिम लेने लगते हैं, नई चीजों का प्रयास करते हैं। आप एक-दूसरे को मात देने के लिए संघर्ष करने के बजाय एक साथ प्रयोग करने (experimentation) और सीखने (learning) की भावना पैदा करते हैं।

आपसी बंधन के पहलू के अलावा, विफलता रचनात्मक आलोचना का कारण बन सकती है, जो आपका विकास करने में मदद करेगी। किसी ने सही कहा था कि शादी का असली फायदा यह है कि आपके जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपको नियमित रूप से आपकी बकवास पर आपका ध्यान आकर्षित करता हैं, जो आपकी अपनी त्रुटियों को दिखाता हैं ताकि आप उसका सामना कर सकें और उस पर मात कर सकें। हमारे काम में, हम एक-दूसरे के लिए वही कर सकते हैं जो पति-पत्नी अपनी अच्छी मनोदशा के दिनों में करते हैं: सुधार के क्षेत्रों की ओर नरमी से इंगित करें और विकास का दर्द झेलते हुए एक-दूसरे का समर्थन करें।

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