9 तरीके जिसमें ऑनलाइन शिक्षण आमने-सामने से अलग होना चाहिए

यह सोचना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्ष में अधिकांश शिक्षक किसी न किसी रूप में ऑनलाइन शिक्षण करेंगे। हो सकता है कि आप इसे पूर्णकालिक रूप से करें या  हो सकता है यह किसी प्रकार का संकरित नमूना (hybrid model) हो, लेकिन एक बात सुनिश्चित है: इस बार यह पूर्वनियोजित होगा न कि आपको अचानक से बताकर आश्चर्य में डालने वाला।

तो थोड़ा विश्राम करने और अधिक विचारशील, इच्छानुरूप योजना बनाने के इस अवसर के साथ, अगला प्रश्न यह है कि हम क्या नया कर सकते हैं? ऑनलाइन शिक्षण का अधिकतम लाभ उठाने के लिए हमें अपने आमने-सामने के शिक्षण अभ्यासों (face-to-face teaching practices) में क्या बदलाव करने की आवश्यकता है?

यह पता लगाने के लिए, मैंने पश्चिमी न्यूयॉर्क राज्य के 19 विद्यालय जिलों में सेवारत इंस्ट्रक्शनल टेक्नोलॉजी एंड स्टाफ डेवलपमेंट (Instructional Technology and Staff Development) की समन्वयक मेलनी किचन की मदद मांगी। मेलनी के पास मिश्रित सीखना (blended learning) विकसित करने के लिए शिक्षकों के साथ काम करने का वर्षों का अनुभव है और अब वे शिक्षकों को दूरस्थ सीखने (remote learning) के सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने में मदद कर रहीं हैं।

मैंने मेलनी से कुछ ऐसी शैलियाँ साझा करने के लिए कहा जिसमें आमने-सामने के शिक्षण से ऑनलाइन शिक्षण (online teaching) अलग हो। उन्होंने नौ शैलियों का सुझाव दिया: तीन जो समुदाय को मजबूत करने और संवाद के लिए विशिष्ट हैं तथा छह जो निर्देशात्मक डिजाइन (instructional design) पर ध्यान केंद्रित करती हैं। इन अंतरों के साथ, उन्होंने कुछ बातें भी साझा कीं जो बिल्कुल वैसी ही रहनी चाहिए।

समुदाय निर्माण और संवाद

1. विद्यालय का पहला सप्ताह समुदाय निर्माण और डिजिटल योग्यता (digital competency) के लिए समर्पित होना चाहिए।

शैक्षणिक वर्ष  (school year) की शुरुआत में पाठ्यक्रम में सीधे गोता लगाने के प्रलोभन से बचें। आप समुदाय निर्माण के लिए शुरुआती सप्ताह समर्पित करें। इससे चीजें अधिक सुचारू रूप से चलेंगी और छात्र जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। इस अवधि में सामाजिक भावनात्मक कौशल (social emotional skills) को बुना जा सकता है। साथ ही, छात्रों को आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे किसी भी डिजिटल साधन के साथ अभ्यास करने की आवश्यकता होगी। इसलिए अपने पाठों को उन चीजों पर केंद्रित करें, जब भी संभव हो दोनों को आपस में जोड़ लें।

“यदि आप स्पष्टतया दृढ़ता सिखा रहे हैं,” किचन कहते हैं, “तो आप ऐसा चुनौतीपूर्ण कार्य दें जो विषय वस्तु (content) से संबंधित नहीं है, लेकिन कुछ ऐसा है जिससे छात्रों को जूझना पड़ सकता है। लेकिन जब आप इसे सौपेंगे तो Google क्लासरूम (Google Classroom) का उपयोग करें। इसे Google क्लासरूम के माध्यम से सौंपे। छात्रों को सिखाएँ कि उन्हें सोंपा गया निहित कार्य (assignment) कैसे खोलना हैं, इसे कैसे भेजना (submit) हैं, प्रतिपुष्टि (feedback) कैसे प्राप्त करना है। इस समय आप इन सभी कौशलों को एक साथ सिखा रहे हैं और यह कुछ अलग या अतिरिक्त नहीं है। यह सब एक साथ किया गया है।”

इन शुरुआती सप्ताहों में आपके द्वारा की गई बातचीत को मार्गदर्शन और सूचित कर सकने वाले अन्य अच्छे संसाधन:

• कैसेल दक्षताएँ (CASEL Competencies)

• मन की आदतें (Habits of Mind)

• आईएसटीई मानक (ISTE Standard)

2. माता-पिता के साथ संवाद अधिक विस्तृत, सुव्यवस्थित और पूर्वानुमान योग्य होने की आवश्यकता है।

माता-पिता भी विद्यार्जन के इस नए तरीके से तालमेल बिठा रहे हैं। क्योंकि कभी-कभी उनसे छात्रों के सीखने में सहायता करने में अधिक प्रमुख भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है, उन्हें आपसे अधिक सहायता की आवश्यकता होती है। “हमें इस सीखने वाले समुदाय (learning community) में माता-पिता को हमारे भागीदार होने की वस्तुतः आवश्यकता है,” किचन कहती हैं।

यहाँ कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं:

जानकारी साझा करने के लिए एक सुसंगत स्थान और पूर्वानुमेय कार्यक्रम स्थापित करें। माता-पिता को यह पता रहने से कि आपसे कहाँ और कब जानकारी लेनी है, वे इसे बनाए रखने और उनकी ओर से पालन करने का अधिक अच्छा काम करेंगे। आपकी कक्षा में क्या हो रहा है, इसके बारे में सभी को सूचित रखने के लिए साप्ताहिक तौर पर नवीनतम जानकारी देना (updates) अच्छा तरीका है। ईमेल, टेक्स्ट अलर्ट, ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट घोषणाओं और न्यूजलेटर के बीच घूमते रहने के बजाय, निर्गामी (outgoing) जानकारी के लिए एक मंच (platform) चुनें और उस पर टिके रहें; यदि आपका पूरा विद्यालय ऐसा कर सकता है तो आपको और भी अधिक अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

  • संवाद के लिए स्पष्ट अपेक्षाएँ और सीमाएँ निर्धारित करें। आपकी ओर से छात्र और माता-पिता कब बातचीत/जानकारी की अपेक्षा कर सकते हैं? जरूरत पड़ने पर वे आपसे कैसे और कब संपर्क कर सकते हैं? यदि आप सीमाएँ निर्धारित नहीं करते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि आपको 24/7 उपलब्ध रहना होगा और आप जल्दी ही अक्रियाशील (burnout) हो जाएँगे। नियमित कार्यालय समय स्थापित करें और उन्हें आसानी से मिलने वाली जगह पर विज्ञापित करें ताकि माता-पिता जान सकें कि आप से संपर्क करना कब सुलभ रहेगा।
  • अवकाश अवधि (off-hours) और तकनीकी सहायता के लिए समर्थन (backup) योजना बनाएँ। यदि माता-पिता या छात्रों को आपके नियमित कार्यालय समय के अलावा मदद की ज़रूरत है या उन्हें तकनीक की मदद चाहिए, तो वे किसे संपर्क कर सकते हैं यह जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराएँ।
  • संवाद को बहुविद (multimodal) बनाएँ। यद्यपि एक मंच (platform) के माध्यम से निरंतर जानकारी देना महत्वपूर्ण है, परंतु एक से अधिक साधन (mode) से सूचना प्रदान करना भी सहायक होता है। उदाहरण के लिए, आप लिखित घोषणाओं के साथ-साथ प्रत्येक सप्ताह एक छोटे वीडियो में उन्हीं घोषणाओं को रिकॉर्ड कर सकते हैं ताकि छात्र और अभिभावक वह प्रारूप चुन सकें जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करता है।
  • अभिभावक तकनीक (parent tech) प्रशिक्षण प्रदान करें। माता-पिता को तकनीक का उपयोग करना आने पर वे छात्रों की सहायता करने में सक्षम होंगे, इसलिए उन्हें आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक पर शिक्षण (tutorial) दें। इसमें जानकारी का प्रसार करने के लिए आप जिस भी मंच का उपयोग करते हैं उसका भी समावेश करें।

3. शिक्षकों के लिए भी समुदाय और जुड़ाव प्राथमिकता होनी चाहिए।

“शिक्षकों को अब पहले से कहीं अधिक एक-दूसरे से जुड़ने की आवश्यकता है,” किचन कहती हैं। इस समय अपने सहकर्मियों से जुड़े रहने के लिए आपके विद्यालय नेतृत्व (school leadership) को नियमित अवसरों का निर्माण करना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं कर रहें हैं, तो उन अवसरों को अपने लिए बनाएँ।

• कर्मचारीगण को जोड़े रखने के लिए उनकी बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए—चाहे वह वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग मंच (video conferencing platform) के माध्यम से ही क्यों न हो।

• इन बैठकों के दौरान शिक्षक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य (emotional health) पर कुछ समय और ध्यान दिया जाना चाहिए।

• छोटे समूह जैसे शिक्षण दल (teaching team) या सामग्री-क्षेत्र पीएलसी (content-area PLC) और भी अधिक सहायक हो सकते हैं।

• यदि आपको आवश्यकतानुसार सहायता नहीं मिल रही है, तो इसे ट्विटर जैसे मंच के माध्यम से प्राप्त करें।

• यह लेख शिक्षक कल्याण पर अधिक गहराई से नज़र डालता है: अभी तुरंत शिक्षकों की भावनात्मक आवश्यकताओं की सहायता कैसे करें। निर्देशात्मक डिज़ाइन (How to Support Teachers’ Emotional Needs Right Now. INSTRUCTIONAL DESIGN)

4. शिक्षक सहयोग और भी महत्वपूर्ण है।

जब हम एक साथ काम करते हैं तो ऑनलाइन सीखने (online learning) की चुनौतियों का सामना करना सरल हो जाता है। “चूँकि हम सभी इन छात्रों को बेहतर तरीके से जानने की कोशिश कर रहे हैं,” किचन कहती हैं, “हमें ऐसा करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है।” इसका मतलब है कि हमारे पाठ और सामग्री सभी छात्रों की जरूरतों को पूरा करते हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों के साथ अधिक निकटता से काम करना, निर्देश की योजना बनाने हेतु हमारे विषयवस्तु क्षेत्र के अन्य लोगों के साथ मिलकर कार्य करना, पार पाठ्यक्रम योजनाओं (cross-curricular projects) पर एक साथ काम करना और छात्र एक ही पाठ को बार-बार न करें और हमारे काम की नकल न हो इसलिए समूह या वर्ग स्तर पर शिक्षकों के बीच उन चीजों को विभाजित करना, जिनकी सभी छात्रों को आवश्यकता होती है (जैसे तकनीकी निर्देश (technology instruction))।

सौभाग्य से, हम सभी एक ही भौतिक भवन में पढ़ाने की तुलना में ऑनलाइन सहयोग करना आसान हो सकता है। “इस आभासी वातावरण ने हमें उन दीवारों को, उन कोष्ठागारों को तोड़ने का अवसर प्रदान किया है,” किचन कहती हैं। “हमारे कार्यक्रम और समय की कमी जो हमारे पास पहले हो सकती थी, अब कम हो जाएगी। हमारे पास ऐसे लोगों के साथ साझेदारी करने का अधिक अवसर हो सकता है जिसका पहले हमारे पास समय या स्थान नहीं था।”

5. “आमने-सामने” समय (FACE-TO-FACE TIME) का उपयोग सक्रिय सीखने (active learning) के लिए किया जाना चाहिए।

ऑनलाइन निर्देश (online instruction) काफी हद तक अतुल्यकालिक निर्देश (asynchronous instruction) से बना है, जिसे छात्र किसी भी समय ले (access) सकते हैं। यह बढ़िया है, क्योंकि कुछ छात्रों के पास यदि तकनीक, अच्छा इंटरनेट या लचीली घरेलू सारणी तक समान पहुँच ना हो तब समकालिक निर्देश (synchronous instruction) के लिए उपस्थिति की आवश्यकता उन्हें तत्काल हानि पहुँचाती है।

परंतु आप कभी ना कभी “आमने-सामने” या समकालिक अवसर प्रदान करने की संभावना रहेगी। आप यह  छात्रों को छोटे समूहों में मिलाकर आसानी से कर पाएँगे। 30 छात्रों को एक साथ एक बैठक में भाग लेने की व्यवस्था करना लगभग असंभव होगा। परंतु चार छात्रों को मिलने के लिए नियुक्त करना कहीं अधिक प्रबंधनीय होगा। किचन को “शिविर-समारोह समूह” (campfire group) पसंद है, जो लंबे समय तक एक साथ रहने वाले लगभग चार के स्थायी समूह हैं। इस व्यवस्था से छात्र एक दूसरे को अच्छे तरीके से जानने लगते हैं और अधिक विश्वास स्थापित होता है। छात्रों को कुछ विविधता प्रदान करने के लिए अन्य गतिविधियों के लिए पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है, लेकिन कैम्प फायर समूह विद्यालय के पूरे सत्र में स्थिर आधार प्रदान करेंगे।

तो इन विभिन्न प्रारूपों के लिए किस प्रकार की निर्देशात्मक गतिविधियों (instructional activities) का उपयोग किया जाना चाहिए?

किचन का कहना है कि जो सबसे अच्छा काम करती है वे है—अतुल्यकालिक रूप में संक्षिप्त वीडियो व्याख्यान और पढ़ना जैसी सीधे निर्देश (direct instruction) वाली चीजें, समझने के लिए अंतःस्थापित प्रश्न या निकास पर्ची जैसे पड़तालों का उपयोग करना।

बाद में आप अधिक परस्पर संवादात्मक (interactive), व्यस्ततापूर्ण कार्य के लिए समकालिक बैठकों का उपयोग कर सकते हैं। “यदि हम चाहते हैं कि छात्र आए, यदि हम चाहते हैं कि उन्हें पता चले कि यह उनके समय का सदुपयोग है,” किचन बताती हैं, “तो यह वास्तव में उनके लिए कुछ तो क्रियात्मक और व्यस्तततापूर्ण होना चाहिए। किसी भी समय वे सामग्री के साथ काम कर सकते हैं, इसे वर्गीकृत कर सकते हैं, इसे व्यवस्थित कर सकते हैं, इस पर आगे के विचार साझा कर सकते हैं, चर्चा कर सकते हैं, ये सभी छोटे समूहों में करने के लिए बढ़िया चीजें हैं।”

छोटे समूह के उपाय जिनका वे पक्का सुझाव देती है:

• चित्र खंड पद्धति (Jigsaw method), जहाँ छात्र विषय वस्तु के एक विशेष हिस्से पर विशेषज्ञ समूह बनाते हैं, फिर उस विषय वस्तु को अन्य छात्रों को पढ़ाते हैं।

 • आभासी समायोजन (virtual settings) के लिए अनुकूलित चर्चा उपाय।

• सहयोग सीखने (cooperative learning) के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग करना।

• दर्शनीय सोच दिनचर्या (Visible Thinking routines)।

• शिक्षा के लिए अनुकूलित गेमस्टॉर्मिंग (Gamestorming) और अन्य व्यवसाय संबंधी शिष्टाचार, जहाँ छात्र ग्राहकों/हितधारकों की भूमिका निभाते हैं।

6. विषय वस्तु को सरल और उसकी गति धीमी करने की आवश्यकता है।

ऑनलाइन निर्देश बड़ी मात्रा में विषय वस्तु को समाविष्ट करने के लिए अनुकूल नहीं है, इसलिए आपको बुद्धिमानी से चुनना होगा, सबसे महत्वपूर्ण चीजों को धीमी गति से पढ़ाना होगा। उन विकल्पों को चुनने के लिए, किचन कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने की सलाह देती हैं:

• इसमें छात्रों के लिए वास्तव में क्या लाभ है? किस में टिकाव है? कौन-सा ज्ञान आवश्यक है?

• अगले श्रेणी स्तर या अगली कक्षा में जाने से पहले छात्रों के पास कौन-सा ज्ञान और कौशल होना चाहिए?

• कई विषय वस्तु क्षेत्रों में काम आने वाले किन व्यवहारों पर बल दिया जा सकता है? विश्लेषण करने, तर्कों का निर्माण करने, मुलपाठों (texts) के माध्यम से मजबूत ज्ञान आधार बनाने और बोलने जैसे कौशल कई अलग-अलग विषयों के माध्यम से सिखाए जा सकते हैं।

• कौन से साधन कई उद्देश्यों की पूर्ति कर सकते हैं? छात्रों को पैडलेट (Padlet) जैसी किसी चीज़ का उपयोग करना सिखाने से उन्हें ऑडियो, ड्राइंग, लेखन और वीडियो का उपयोग करने के अवसर मिलते हैं। गैर-डिजिटल साधन (Non-digital tool) भी काम आ सकते हैं: अन्य नियत कार्य (assignment) पूरा करने के लिए, छात्र घर के आसपास मिलने वाली चीजों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे टॉयलेट पेपर रोल और फिर एक फोटो के साथ अपना काम जमा कर सकते हैं।

7. निर्देश खोजने, स्पष्ट करने और बहुविध होने में आसान होने चाहिए।

  • चूंकि आप छात्रों के साथ एक ही कमरे में नहीं हैं, इसलिए आपके निर्देशों को ईंट-पत्थर के भवन की तुलना में बहुत कठिन काम करना पड़ता है।
  • एक सुसंगत स्थान और समय पर निर्देश दें। यह सलाह पहले से ही माता-पिता के लिए दी गई थी, लेकिन यह यहाँ निर्देशात्मक रचना (instructional design) के चश्मे से दोहराना आवश्यक है: छात्रों को हर बार निर्देश कहाँ मिलने वाले है यह पता रहने के लिए पाठ तैयार करें।
  • निर्देशों को स्पष्ट करें। उनकी स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें दो-तिन बार पढ़ें। समस्या क्षेत्रों को जड़ से खत्म करने के लिए अपने पाठों के बार-बार स्वयं परीक्षण (dogfooding) को एक नियमित अभ्यास बनाएँ।
  • बहुविध निर्देश (multimodal instruction) प्रदान करें। यदि संभव हो, तो निहित कार्य हेतु लिखित और वीडियो दोनों निर्देश प्रदान करें, ताकि छात्र अपने लिए सबसे अच्छा काम करने वाला प्रारूप चुन सकें। आप समकालिक साप्ताहिक या दैनिक बैठक भी ले सकते हैं। इन्हें ऑनलाइन करने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यद्यपि आप प्रतिदिन एक ही कक्षा के कई टुकड़ियों (sections) को पढ़ाते हैं, परंतु छात्र अब कक्षा के समय तक ही सीमित न रहते हुए जो भी बैठक उनके लिए सबसे अच्छा काम करती है, उसमें भाग ले सकते हैं।

8. प्रतिपुष्टि के लिए श्रेणी (grade) देने की पारंपरिक प्रथाओं को अब पीछे छोड़ना चाहिए।

“हमने आपातकालीन दूरस्थ शिक्षण (emergency remote teaching) के दौरान परिवर्तन देखा, जहाँ श्रेणी देने या ना देने, उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण के बारे में हम में से प्रत्येक की अलग-अलग आवश्यकताएँ थीं,” किचन कहती हैं। “इस पूरे वातावरण को वास्तव में संवाद और संपर्क द्वारा सहायता देने की आवश्यकता है। यदि छात्र को A श्रेणी मिलती है या 95 या 65 प्रतिशत मिलता है, तो वह क्या सही कर रहा है या उसने क्या सुधार करना है यह मौखिक प्रतिपुष्टि (verbal feedback) या मुद्रित प्रतिपुष्टि (print feedback) जितने अच्छे से उसे बता सकता है, उतना केवल श्रेणी या प्रतिशत नहीं बताता।

इसलिए दूरस्थ शिक्षण देते समय, छात्रों को केवल अंत में श्रेणी न देते हुए वे निहित कार्य और सौपे गए काम करते समय, उन्हें रचनात्मक प्रतिपुष्टि (formative feedback) देने पर जोर दें।

• अधिकांश शिक्षण प्रबंधन मंच, जैसे Google क्लासरूम, में प्रतिपुष्टि देने के लिए अंतर्निहित सुविधाएँ (built-in features) हैं। इन्हें अपनी प्राथमिक पद्धति के रूप में प्रयोग करें।

• फ़्लूप (Floop) जैसे उपकरण मौके पर ही प्रतिपुष्टि (on-the-spot feedback) देने के अन्य तरीके प्रदान करते हैं और विशेष रूप से गणित के लिए अच्छे हो सकते हैं।

• प्रतिपुष्टि बारंबार और विशिष्ट होनी चाहिए। फ्लैश फीडबैक (Flash Feedback) में मैथ्यू जॉनसन द्वारा साझा की गई कुछ पद्धतियों पर विचार करें।

• निहित कार्य पर छात्रों और अभिभावकों को भी आपको प्रतिपुष्टि देने के लिए मार्ग प्रदान करें।

9. योगात्मक आकलन (Summative assessment) सृजन पर केंद्रित होना चाहिए।

ऑनलाइन सीखने में, किचन कहती है, “ऐसे कई तरीके हैं जिनसे छात्र नकल कर सकते हैं। इसलिए यदि हम उन्हें केवल पारंपरिक प्रश्नोत्तरी या परीक्षा दे रहे हैं, तो उनके लिए वह जानकारी देखना सरल है।”

इस समस्या का एक बड़ा समाधान यह है कि छात्रों से चीज़ें बनाई जाएँ। ये वीडियो, पॉडकास्ट, डिजिटल या भौतिक कला, लिखने के रचनांश, कॉमिक्स आदि हो सकते हैं। “जब आपको कुछ बनाना या करना होता है तो नकल करना बहुत मुश्किल होता है। और यह सभी क्षेत्रों को भी एकीकृत करता है और वह जमा होता है। वह जो सृजन करेंगे उसमें वह सारी सीख जमा होगी।”

• आकलन के लिए, विस्तृत निर्देश का उपयोग करें जो अंतिम उत्पाद प्रदर्शित करने वाले सीखने के लक्ष्यों (learning goals) को स्पष्ट करता है। इसके लिए एकल-बिंदु निर्देश अच्छा काम करता है।

• छात्रों को काम करने के लिए साधन खोजने में मदद करने हेतु, साधनों की यह सूची हर एक द्वारा बनाए गए उत्पाद के प्रकार के अनुसार व्यवस्थित करती है। टेक के लिए शिक्षक मार्गदर्शिका (Teacher’s Guide to Tech) सुझावों का एक और बड़ा स्रोत है।

• निहित कार्य विकसित करते समय, अंतिम उत्पाद पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यह स्पष्ट करके शुरू करें कि आप क्या चाहते हैं कि छात्रों ने उस उत्पाद के साथ क्या करना हैं। बिल फर्रटर की यह सूची अंतर की पड़ताल करती है:

कौन-सी चीज बदलती नहीं

ऑनलाइन शिक्षण में सब कुछ अलग नहीं है। अच्छे शिक्षण के कुछ पहलू निश्चित रूप से वही रहने चाहिए।

• स्पष्ट और सुसंगत संवाद

• स्पष्ट और सुसंगत क्रियापद्धतियाँ और दिनचर्या बनाना

अनुसंधान आधारित निर्देशात्मक उपायों (instructional strategies) का उपयोग करना

• यह निर्धारित करना कि किसी निहित कार्य के लिए डिजिटल साधन का उपयोग करना है या गैर-डिजिटल साधन का

विशुद्ध सीखने (authentic learning) पर ध्यान दें, जहाँ विशुद्ध उत्पाद बनाए जाते हैं और छात्रों के पास निहित कार्य हेतु मत और पसंद होती है

हो सकता है कि शिक्षण का माहौल वैसा न हो जैसा हम पहले था, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि अच्छा शिक्षण तब भी अच्छा शिक्षण होता है। “वह अच्छे व्यवहार जिन्हें हम जानते हैं अभी भी आभासी स्तर पर किए जा सकते हैं,” किचन कहती हैं। “यह बस थोड़ा अलग दिख सकता है।”

Source: https://www.cultofpedagogy.com/9-ways-online-teaching/

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