यह सोचना गलत नहीं होगा कि आने वाले वर्ष में अधिकांश शिक्षक किसी न किसी रूप में ऑनलाइन शिक्षण करेंगे। हो सकता है कि आप इसे पूर्णकालिक रूप से करें या हो सकता है यह किसी प्रकार का संकरित नमूना (hybrid model) हो, लेकिन एक बात सुनिश्चित है: इस बार यह पूर्वनियोजित होगा न कि आपको अचानक से बताकर आश्चर्य में डालने वाला।

तो थोड़ा विश्राम करने और अधिक विचारशील, इच्छानुरूप योजना बनाने के इस अवसर के साथ, अगला प्रश्न यह है कि हम क्या नया कर सकते हैं? ऑनलाइन शिक्षण का अधिकतम लाभ उठाने के लिए हमें अपने आमने-सामने के शिक्षण अभ्यासों (face-to-face teaching practices) में क्या बदलाव करने की आवश्यकता है?
यह पता लगाने के लिए, मैंने पश्चिमी न्यूयॉर्क राज्य के 19 विद्यालय जिलों में सेवारत इंस्ट्रक्शनल टेक्नोलॉजी एंड स्टाफ डेवलपमेंट (Instructional Technology and Staff Development) की समन्वयक मेलनी किचन की मदद मांगी। मेलनी के पास मिश्रित सीखना (blended learning) विकसित करने के लिए शिक्षकों के साथ काम करने का वर्षों का अनुभव है और अब वे शिक्षकों को दूरस्थ सीखने (remote learning) के सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने में मदद कर रहीं हैं।
मैंने मेलनी से कुछ ऐसी शैलियाँ साझा करने के लिए कहा जिसमें आमने-सामने के शिक्षण से ऑनलाइन शिक्षण (online teaching) अलग हो। उन्होंने नौ शैलियों का सुझाव दिया: तीन जो समुदाय को मजबूत करने और संवाद के लिए विशिष्ट हैं तथा छह जो निर्देशात्मक डिजाइन (instructional design) पर ध्यान केंद्रित करती हैं। इन अंतरों के साथ, उन्होंने कुछ बातें भी साझा कीं जो बिल्कुल वैसी ही रहनी चाहिए।
समुदाय निर्माण और संवाद
1. विद्यालय का पहला सप्ताह समुदाय निर्माण और डिजिटल योग्यता (digital competency) के लिए समर्पित होना चाहिए।

शैक्षणिक वर्ष (school year) की शुरुआत में पाठ्यक्रम में सीधे गोता लगाने के प्रलोभन से बचें। आप समुदाय निर्माण के लिए शुरुआती सप्ताह समर्पित करें। इससे चीजें अधिक सुचारू रूप से चलेंगी और छात्र जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। इस अवधि में सामाजिक भावनात्मक कौशल (social emotional skills) को बुना जा सकता है। साथ ही, छात्रों को आपके द्वारा उपयोग किए जा रहे किसी भी डिजिटल साधन के साथ अभ्यास करने की आवश्यकता होगी। इसलिए अपने पाठों को उन चीजों पर केंद्रित करें, जब भी संभव हो दोनों को आपस में जोड़ लें।
"यदि आप स्पष्टतया दृढ़ता सिखा रहे हैं," किचन कहते हैं, "तो आप ऐसा चुनौतीपूर्ण कार्य दें जो विषय वस्तु (content) से संबंधित नहीं है, लेकिन कुछ ऐसा है जिससे छात्रों को जूझना पड़ सकता है। लेकिन जब आप इसे सौपेंगे तो Google क्लासरूम (Google Classroom) का उपयोग करें। इसे Google क्लासरूम के माध्यम से सौंपे। छात्रों को सिखाएँ कि उन्हें सोंपा गया निहित कार्य (assignment) कैसे खोलना हैं, इसे कैसे भेजना (submit) हैं, प्रतिपुष्टि (feedback) कैसे प्राप्त करना है। इस समय आप इन सभी कौशलों को एक साथ सिखा रहे हैं और यह कुछ अलग या अतिरिक्त नहीं है। यह सब एक साथ किया गया है।"
इन शुरुआती सप्ताहों में आपके द्वारा की गई बातचीत को मार्गदर्शन और सूचित कर सकने वाले अन्य अच्छे संसाधन:
• कैसेल दक्षताएँ (CASEL Competencies)
• मन की आदतें (Habits of Mind)
• आईएसटीई मानक (ISTE Standard)
2. माता-पिता के साथ संवाद अधिक विस्तृत, सुव्यवस्थित और पूर्वानुमान योग्य होने की आवश्यकता है।
माता-पिता भी विद्यार्जन के इस नए तरीके से तालमेल बिठा रहे हैं। क्योंकि कभी-कभी उनसे छात्रों के सीखने में सहायता करने में अधिक प्रमुख भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है, उन्हें आपसे अधिक सहायता की आवश्यकता होती है। “हमें इस सीखने वाले समुदाय (learning community) में माता-पिता को हमारे भागीदार होने की वस्तुतः आवश्यकता है,” किचन कहती हैं।
यहाँ कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं:

- जानकारी साझा करने के लिए एक सुसंगत स्थान और पूर्वानुमेय कार्यक्रम स्थापित करें।
माता-पिता को यह पता रहने से कि आपसे कहाँ और कब जानकारी लेनी है, वे इसे बनाए रखने और उनकी ओर से पालन करने का अधिक अच्छा काम करेंगे। आपकी कक्षा में क्या हो रहा है, इसके बारे में सभी को सूचित रखने के लिए साप्ताहिक तौर पर नवीनतम जानकारी देना (updates) अच्छा तरीका है। ईमेल, टेक्स्ट अलर्ट, ब्लॉग पोस्ट, वेबसाइट घोषणाओं और न्यूजलेटर के बीच घूमते रहने के बजाय, निर्गामी (outgoing) जानकारी के लिए एक मंच (platform) चुनें और उस पर टिके रहें; यदि आपका पूरा विद्यालय ऐसा कर सकता है तो आपको और भी अधिक अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।
- संवाद के लिए स्पष्ट अपेक्षाएँ और सीमाएँ निर्धारित करें।
आपकी ओर से छात्र और माता-पिता कब बातचीत/जानकारी की अपेक्षा कर सकते हैं? जरूरत पड़ने पर वे आपसे कैसे और कब संपर्क कर सकते हैं? यदि आप सीमाएँ निर्धारित नहीं करते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि आपको 24/7 उपलब्ध रहना होगा और आप जल्दी ही अक्रियाशील (burnout) हो जाएँगे। नियमित कार्यालय समय स्थापित करें और उन्हें आसानी से मिलने वाली जगह पर विज्ञापित करें ताकि माता-पिता जान सकें कि आप से संपर्क करना कब सुलभ रहेगा।
- अवकाश अवधि (off-hours) और तकनीकी सहायता के लिए समर्थन (backup) योजना बनाएँ।
यदि माता-पिता या छात्रों को आपके नियमित कार्यालय समय के अलावा मदद की ज़रूरत है या उन्हें तकनीक की मदद चाहिए, तो वे किसे संपर्क कर सकते हैंयह जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराएँ।
- संवाद को बहुविद (multimodal) बनाएँ।
यद्यपि एक मंच (platform)के माध्यम से निरंतर जानकारी देना महत्वपूर्ण है, परंतु एक से अधिक साधन (mode)से सूचना प्रदान करना भी सहायक होता है। उदाहरण के लिए, आप लिखित घोषणाओं के साथ-साथ प्रत्येक सप्ताह एक छोटे वीडियो में उन्हीं घोषणाओं को रिकॉर्ड कर सकते हैं ताकि छात्र और अभिभावक वह प्रारूप चुन सकें जो उनके लिए सबसे अच्छा काम करता है।
- अभिभावक तकनीक (parent tech) प्रशिक्षण प्रदान करें।
माता-पिता को तकनीक का उपयोग करना आने पर वे छात्रों की सहायता करने में सक्षम होंगे, इसलिए उन्हें आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक पर शिक्षण (tutorial) दें। इसमें जानकारी का प्रसार करने के लिए आप जिस भी मंच का उपयोग करते हैं उसका भी समावेश करें।